नमस्कार दोस्तों, Allhindi के इस नये लेख में आपका स्वागत हैं। आज की इस लेख में आप जानने वाले है की प्रत्यय किसे कहते हैं। प्रत्ययसे जुड़े बहुत सारे प्रश्न बोर्ड की परीक्षाओ में तथा प्रतियोगी परीक्षाओ में भी पूछे जाते हैं। और यदि आप प्रत्यय के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी जानना चाहते हैं तो आप इस लेख को ध्यानपूर्वक पढ़े।
![प्रत्यय किसे कहते हैं [Pratyay Kise Kahate Hain]](https://allhindi.co.in/wp-content/uploads/2022/11/प्रत्यय-किसे-कहते-हैं-परिभाषा-भेद-और-40-उदाहरण.webp)
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प्रत्यय किसे कहते हैं [Pratyay Kise Kahate Hain]
प्रत्यय की परिभाषा: जो शब्दांश (वर्ण या अक्षर) किसी सार्थक शब्द के अंत में जुड़कर उसके अर्थ में परिवर्तन कर देते हैं, ऐसे शब्दांश को प्रत्यय कहते हैं। प्रत्यय का कोई भी अपना अर्थ नहीं होता हैं। आइये इन्हें कुछ उदाहरण के माध्यम से समझते हैं।
समाज का अर्थ समुदाय होता हैं जब इस शब्द के अंत में इक जोड़ दे तो यह सामाजिक बन जाता हैं सामाजिक का अर्थ का अर्थ होता है जो समाज में रहते हैं तो आपने देखा की वर्ण या अक्षर किसी सार्थक शब्द में जुड़कर उसके अर्थ में परिवर्तन कर दे रहा हैं।
प्रत्यय के भेद [Pratyay Ke Bhed]
प्रत्यय के भेद:- हिंदी में प्रत्यय के निम्नलिखित दो भेद होते हैं-
- कृत् प्रत्यय (क्रिया शब्दों में लगने वाले)
- तद्धित प्रत्यय (क्रिया से भिन्न शब्दों में लगने वाले)
कृत प्रत्यय किसे कहते हैं [Krit Pratyay Kise Kahate Hain]
1.कृत् प्रत्यय: जो प्रत्यय क्रिया के मूल रूप (धातु) के अंत में जुड़कर नए शब्दों की रचना करते हैं, उन्हें कृत् प्रत्यय कहते हैं।
उदाहरण:- रक्ष + अक = रक्षक
सज + आवट = सजावट
कृदंत प्रत्यय का शाब्दिक अर्थ:- कृदंत प्रत्यय का शाब्दिक अर्थ है- (कृत् + अंत)
कृदंत प्रत्यय:- कृत् प्रत्यय के योग से बने शब्दों को कृदंत कहते हैं।
कृत प्रत्यय के भेद [Krit Pratyay Ke Bhed]
कृत् प्रत्यय निम्नलिखित पाँच प्रकार के होते हैं
- कर्तृवाचक
- कर्मवाचक
- करणवाचक
- भाववाचक
- क्रियावाचक
(क) कर्तृवाचक कृत् प्रत्यय:- कर्ता का बोध कराने वाले प्रत्यय को कर्तृवाचक कृत् प्रत्यय कहते हैं।
उदाहरण:-
कर्तृवाचक कृत् प्रत्यय | मूल शब्द | कृदंत प्रत्यय/निर्मित शब्द |
आड़ी | खेल | खिलाड़ी आदि। |
अक | रक्ष, पाल | रक्षक, पालक आदि। |
वाला | रख, दे | रखवाला, देनेवाला आदि। |
हार | पालन, होना | पालनहार, होनहार आदि। |
ऊ | बिक, चल, ऊब | बिकाऊ, चलाऊ, उबाऊ आदि। |
(ख) कर्मवाचक कृत् प्रत्यय:- कर्म का बोध कराने वाले प्रत्यय को कर्मवाचक कृत् प्रत्यय कहते हैं।
उदाहरण:-
कर्मवाचक कृत् प्रत्यय | मूल शब्द | कृदंत प्रत्यय/निर्मित शब्द |
आना | मिल, टिक, मिट | मिलाना, टिकाना, मिटाना |
औना | बिछ, खेल | बिछौना, खिलौना |
ना | पका, जला | पकाना, जलाना |
नी | भील, सूंघ, ओढ़ | भीलनी, सूंघनी, ओढ़नी |
हुआ | लिख, देख | लिखा हुआ, देखा हुआ |
(ग) करणवाचक कृत् प्रत्यय:- करण अर्थात् साधन का बोध कराने वाले प्रत्यय को करणवाचक कृत् प्रत्यय कहते हैं।
उदाहरण:-
करणवाचक कृत् प्रत्यय | मूल शब्द | कृदंत प्रत्यय/निर्मित शब्द |
अन | झाड़, ढक | झाड़न, ढक्कन |
आ | झूल, घेर, ठेल | झूला, घेरा, ठेला |
ई | फाँस, रेत | फाँसी, रेती |
नी | मथ, चट | मथनी, चटनी |
ऊ | झाड़, पी | झाड़ू, प्याऊ |
(घ) भाववाचक कृत् प्रत्यय:- क्रिया के भाव का बोध कराने वाले प्रत्यय को भाववाचक कृत् प्रत्यय कहतें हैं।
उदाहरण:-
भाववाचक कृत् प्रत्यय | मूल शब्द | कृदंत प्रत्यय/निर्मित शब्द |
आहट | घबरा, चिल्ला | घबराहट, चिल्लाहट |
आई | लड़, लिख, चढ़ | लड़ाई लिखाई, चढ़ाई |
आवट | रुका, बना, सजा | रुकावट, बनावट, सजावट |
आवा | छल, भूल, दिख | छलावा, भुलावा, दिखावा |
औती | फेर, मन | फिरौती, मनौती |
(ङ) क्रियावाचक कृत् प्रत्यय:- क्रिया का बोध कराने वाले प्रत्यय को क्रियावाचक कृत् प्रत्यय कहतें हैं।
उदाहरण:-
क्रियावाचक कृत् प्रत्यय | मूल शब्द | कृदंत प्रत्यय/निर्मित शब्द |
अनीय | प्रशंस, निंद | प्रशंसनीय, निंदनीय |
आ | चल, हँस, सोच | चला, हँसा, सोचा |
आलु | श्रद्धा, कृपा, दया | श्रद्धालु कृपालु, दयालु |
एरा | लूट, घूम | लुटेरा, घूमेरा |
या | पी, गा, खा, सो | पीया, गाया, खाया, सोया |
तद्धित प्रत्यय किसे कहते हैं
तद्धित प्रत्यय: जो प्रत्यय किसी संज्ञा, सर्वनाम अथवा विशेषण के अंत मे जुड़कर नयें शब्दों की रचना करते हैं, उन्हें तद्धित प्रत्यय कहते हैं।
उदाहरण:- खट्टा + आस = खटास
मानव + ता = मानवता
तद्धित प्रत्यय के कितने भेद हैं
तद्धित प्रत्यय के निम्नलिखित 8 भेद होते हैं।
- कर्तृवाचक
- गुणवाचक
- भाववाचक
- स्त्रीलिंगवाचक
- संबंधवाचक
- स्थानवाचक
- लघुतावाचक
- संख्यावाचक
(क) कर्तृवाचक तद्धित प्रत्यय:- कर्ता का बोध कराने वाले प्रत्यय को, कर्तृवाचक तद्धित प्रत्यय कहतें हैं।
उदाहरण:-
कर्तृवाचक तद्धित प्रत्यय | मूल शब्द | कृदंत प्रत्यय/निर्मित शब्द |
आर | लोहा, सोना | खटास, मिठास |
आरी | भीख | भिखारी |
इया | मुख, रसोई | मुखिया, रसोइया |
कार | चित्र, कला | चित्रकार, कलाकार |
गर | बाजी, जादू | बाजीगर, जादूगर |
(ख) गुणवाचक तद्धित प्रत्यय:- किसी गुण या भाव का बोध कराने वाले प्रत्यय को, गुणवाचक तद्धित प्रत्यय कहतें हैं।उदाहरण:-
गुणवाचक तद्धित प्रत्यय | मूल शब्द | कृदंत प्रत्यय/निर्मित शब्द |
अंत | दुख, सुख | दुखांत, सुखांत |
इल | स्नेह, स्वप्न | स्नेहिल, स्वप्निल |
ऐला | विष | विषैला |
मान | बुद्धि | बुद्धिमान |
वान | धन, रूप | धनवान, रूपवान |
(ग) भाववाचक तद्धित प्रत्यय:- किसी भाव या अवस्था का बोध कराने वाले प्रत्यय को, भाववाचक तद्धित प्रत्यय कहतें हैं।
उदाहरण:-
भाववाचक तद्धित प्रत्यय | मूल शब्द | कृदंत प्रत्यय/निर्मित शब्द |
आस | खट्टा, मीठा | खटास, मिठास |
आपा | मोटा, बूढ़ा | मोटापा, बुढ़ापा |
आई | भला, चतुर | भलाई, चतुराई |
इमा | लाल, महा | लालिमा, महिमा |
त्व | पशु, प्रभु | पशुत्व, प्रभुत्व |
(घ) स्त्रीलिंगवाचक तद्धित प्रत्यय:- स्त्री का बोध कराने वाले प्रत्यय को, संबंधवाचक तद्धित प्रत्यय कहतें हैं।उदाहरण:-
स्त्रीलिंगवाचक तद्धित प्रत्यय | मूल शब्द | कृदंत प्रत्यय/निर्मित शब्द |
आ | सुत, छात्र | सुता, छात्रा |
आनी | नौकर, जेठ | नौकरानी, जेठानी |
इया | चूहा, बुढ़ा | चुहिया, बुढ़िया |
ई | बेटा, मामा | बेटी, मामी |
नी | ऊँट, मोर | ऊँटनी, मोरनी |
(ङ) संबंधवाचक तद्धित प्रत्यय:- संबंध का बोध कराने वाले प्रत्यय को, स्त्रीलिंगवाचक तद्धित प्रत्यय कहतें हैं।उदाहरण:-
संबंधवाचक तद्धित प्रत्यय | मूल शब्द | कृदंत प्रत्यय/निर्मित शब्द |
आल/हाल | ससुर, नानी | ससुराल, ननिहाल |
इक | नीति, धर्म | नैतिक, धार्मिक |
ई | पंजाब, गुजरात | पंजाबी, गुजराती |
एरा | चाचा, मौसा | चचेरा, मौसेरा |
औती | बाप | बपौती |
(च) स्थानवाचक तद्धित प्रत्यय:- स्थान का बोध कराने वाले प्रत्यय को, स्थानवाचक तद्धित प्रत्यय कहतें हैं।उदाहरण:-
स्थानवाचक तद्धित प्रत्यय | मूल शब्द | कृदंत प्रत्यय/निर्मित शब्द |
ई | बिहार, पंजाब, बनारस | बिहारी, पंजाबी, बनारसी आदि। |
वाला | सूरत, कानपुर | सूरत वाला, कानपुर वाला आदि। |
इया | जयपुर, मुंबई | जयपुरिया, मुंबइया आदि। |
(छ) लघुतावाचक तद्धित प्रत्यय:- छोटी वस्तुओं का बोध कराने वाले प्रत्यय को, लघुतावाचक तद्धित प्रत्यय कहतें हैं।उदाहरण:-
लघुतावाचक तद्धित प्रत्यय | मूल शब्द | कृदंत प्रत्यय/निर्मित शब्द |
ई | टोकरा, रस्सा | टोकरी, रस्सी |
ओला | खाट, साँप | खटोला, सँपोला |
ची | संदूक | संदूकची |
री | कोठा, छाता | कोठरी, छतरी |
ड़ी/ड़ा | पंख, मुख | पंखुड़ी, मुखड़ा |
(ज) संख्यावाचक तद्धित प्रत्यय:- संख्या का बोध कराने वाले प्रत्यय को, संख्यावाचक तद्धित प्रत्यय कहतें हैं।
उदाहरण:-
संख्यावाचक तद्धित प्रत्यय | मूल शब्द | कृदंत प्रत्यय/निर्मित शब्द |
ठा | छह | छठा |
आ | पहल | पहला |
वां | दस, बत्तीस | दशवां, बत्तीसवां |
सरा | एक, तीन | दूसरा, तीसरा |
अरा | दो, तीन | इकहरा, तिहरा |
आगत प्रत्यय किसे कहते हैं
आगत प्रत्ययकी परिभाषा: अरबी, उर्दू आदि के प्रत्ययों को आगत प्रत्यय कहतें हैं।
प्रश्न: तद्धित प्रत्यय किसे कहते हैं
उत्तर: जो प्रत्यय किसी संज्ञा, सर्वनाम अथवा विशेषण के अंत मे जुड़कर नयें शब्दों की रचना करते हैं, उन्हें तद्धित प्रत्यय कहते हैं।
प्रश्न:तद्धित प्रत्यय के कितने भेद हैं
उत्तर: तद्धित प्रत्यय के निम्नलिखित 8 भेद होते हैं।
कर्तृवाचक
गुणवाचक
भाववाचक
स्त्रीलिंगवाचक
संबंधवाचक
स्थानवाचक
लघुतावाचक
संख्यावाचक
प्रश्न: कृत प्रत्यय के कितने भेद होते हैं
उत्तर: कृत् प्रत्यय निम्नलिखित पाँच प्रकार के होते हैं।
कर्तृवाचक
कर्मवाचक
करणवाचक
भाववाचक
क्रियावाचक
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