प्रिय पाठक (Friends & Students)! allhindi.co.in में आपका स्वागत है। उम्मीद करता हूँ आप सब लोग अच्छे होंगे। आज की इस लेख में आप प्रकाश संश्लेषण किसे कहते हैं ? इसके बारे में जानेंगे। प्रकाश संश्लेषण किन किन प्रक्रियाओ से होकर गुजरता है? इनके बारे में हम बारीकी से समझेंगे। तो चलिए आज की इस लेख की शुरुआत करते है।
मानव अपनी भोजन के लिए कुछ निम्न वस्तुओं पर निर्भर होता है। जिस प्रकार मानव या सजीव प्राणी को जीवित रहने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है; तथा ऊर्जा को प्राप्त करने के लिए उन्हें खाद्य पदार्थों की आवश्यकता होती है। ऐसे ही क्या पेड़ पौधों को भी ऊर्जा की आवश्यकता होती है और अगर होती है तो वह अपना भोजन कैसे बनाते हैं? आइए आज कि इस लेख में हम यही जानेंगे कि पौधे अपना भोजन कैसे बनाते हैं? और उस प्रक्रिया को हम एक शब्द में क्या कहते हैं?
प्रकाश संश्लेषण किसे कहते हैं
यह तो हम सभी जानते हैं कि पौधे सजीव होते हैं और वह हमें वायु के साथ और भी बहुत कुछ प्रदान करते हैं।जिस प्रक्रिया का प्रयोग करके पौधे अपना भोजन बनाते हैं इस पूरी प्रक्रिया को ही प्रकाश संश्लेषण कहते हैं।प्रकाश संश्लेषण दो शब्दों से मिलकर बना होता है। प्रकाश + संश्लेषण जिसका मतलब होता है ऊर्जा का एक साथ मिलना। आइये प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया को विस्तार से समझते है|

प्रकाश संश्लेषण वह प्रक्रिया है जिसमें पेड़ पौधे अपने भोजन को CO2, H2O और प्रकाश की मदद से क्लोरोफिल की उपस्थिति में तैयार करते हैं इस प्रक्रिया के द्वारा पेड़ पौधों को ऊर्जा प्राप्त होती है;और वे जीवित रह सकते हैं। इस पूरी प्रक्रिया को हम प्रकाश संश्लेषण कहते हैं। इस ब्रह्मांड पर सारे स्वपोषी जीवों में प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया होती है। प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया अधिकतर पौधे की हरी पत्तियों में होता है या हरे भागों में होता है। इसी वजह से पौधों की हरी पत्तियों को किचन हाउस ऑफ द प्लांट कहा जाता है। ऊपर दिए गए CO2 तथा H2O से मेरा मतलब जल तथा कार्बन डाइऑक्साइड है।
प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया किस प्रकार होता है?
सबसे पहले पौधे अपने जड़ से जल को अवशोषित करता है और जैसा कि हम जानते हैं पौधों में दो प्रकार के संवहन उत्तक होते हैं जो कि पहला जाइलम होता है और दूसरा संवहक। संवहक प्राय: पेड़ों के तनों से जड़ों तक जुड़ा होता है। जाइलम पेड़ की जड़ों से पानी को खींचकर तनो के द्वारा पत्तियों तक पानी को पहुंचाता है। पौधे जल को अवशोषित करने के बाद परासरण की प्रक्रिया द्वारा पानी को जड़ से पतियों तक पहुचाता है।
परासरण प्रक्रिया क्या होती है?
परासरण प्रक्रिया वह प्रक्रिया होती है जो उच्च साद्रंण से जल निम्न साद्रंण की और जाता है। उच्च साद्रंण का मतलब वह होता है जहा जल की अधिकता होती है तथा निम्न साद्रंण होता है जहा जल की कमी होती है। परासरण प्रक्रिया को हम Osmosis कहते है। पौधे मिट्टी से खनिज लवण (minerals) को भी अवशोषित करता है।
प्रकाश संश्लेषण का इतिहास व प्रारंभिक प्रयोग:
- स्टीफन हेल्स (1727): 1727 ई० में स्टीफन हेल्स के अनुसार पौधे पने भोजन का निर्माण प्रकाश की उपस्थिति में करते है , स्टीफन हेल्स को पादप कार्यिकी का जनक कहा जाता है।
- जोसेफ प्रिस्टले (1770): जोसेफ प्रिस्टले ने ऑक्सीजन की खोज की थी तथा सर्वप्रथम बताया था कि दूषित वायु को शुद्ध करने का काम पादप जन्तुओं द्वारा होता है | उन्होंने अपने प्रयोगों में बेलजार में एक जलती हुई मोमबत्ती तथा एक चूहे को उसके अंदर रखा तो कुछ समय बाद मोमबत्ती बुझ गई तथा चूहा दोनो ही मर गये।
- लेकिन जब उन्होने इस प्रयोग को दोबारा कुछ बदलाव करके किये तो उसका परिणाम पूरी तरह से बदल चुका था। उन्होंने इस प्रयोग में इस बार इस जलती हुई मोमबत्ती व चूहे के साथ बेलजार में पुदीने का पौधा रखा और पाया की चूहा जीवित रहा और मोमबत्ती भी जलती रही , इस प्रयोग से सिद्ध हुआ की पेड़ पौधे अशुद्ध वायु को शुद्ध करते है।
- जॉन इन्जन हाउस (1730-1799): इनके द्वारा बताया गया की वायु का शुद्धिकरण केवल पौधे के हरे भागों द्वारा तथा प्रकाश की उपस्थिति में ही होता है।
- जीन सिनेबार (1782) :जीन सिनेबार के अनुसार हरे पौधे प्रकाश की उपस्थिति में CO2 लेते है तथा O2 मुक्त करते है।
- जुलियस वोन सैच (1854): इनके अनुसार पौधों के हरे भागों में ग्लूकोज बनता है जो स्टार्च के रूप में संचित या इकट्ठा रहता है। इन्होने ही इसका सर्वप्रथम प्रमाण दिया था।
- थियोडोर एंजिलमैन (1884): इन्होंने प्रकाश संश्लेषण की अलग अलग तरंगदैध्र्यो की भूमिका को खोजा तथा एक सक्रिय स्पेक्ट्रम को निर्मित किया। इन्होने सर्वप्रथम प्रमाण दिया।
- एफ.एफ. वलैक मैन (1905): एफ.एफ. वलैक मैन हमे सर्वप्रथम बताया की प्रकाश संश्लेषण , प्रकाश रासायनिक व जैव रासायनिक सभी एक अभिक्रिया है , जो दो चरणों में पूर्ण हो जाती है।
प्रकाश संश्लेषण का सूत्र
उन्नीसवी (19 वीं) सदी में ही यह पूरी तरह से स्पष्ट हो गया था की पौधेCO2 , H2O व प्रकाश संश्लेषण का प्रयोग करके कार्बोहाइड्रेट बनाते है। कुछ रसायन संश्लेषी जीवाणु जल के स्थान पर H2S का उपयोग कर प्रकाश संश्लेषण कर सकते है , H2S हाइड्रोजन दाता होता है तथा उत्पाद ऑक्सीजन न होकर सल्फाइड प्राप्त होता है।प्रकाश संश्लेषण का सूत्र:
6CO2 + 12H2O ——- C6H12O6 + 6O2 + 6H2O
प्रकाश संश्लेषण कहाँ संपन्न होता है ?
प्रकाश-संश्लेषण की क्रिया पत्ती व अन्य हरे भागों में होती है , पत्ती में उपस्थित पर्णमध्योत्तक कोशिकाओं के क्लोरोप्लास्ट में प्रकाश संश्लेषण होता है |प्रकाश संश्लेषण की क्रिया दो प्रतिक्रियाओं के रूप में होती है।
प्रकाशिक अभिक्रिया: यह ऐसी अभिक्रिया है जो प्रकाश पर आधारित है।
अप्रकाशिक अभिक्रिया : यह एक ऐसी अभिक्रिया है जो प्रकाश पर आधारित नहीं होती | इसमें ATP व NADPH का संश्लेषण होता है।
प्रकाश संश्लेषण से जुड़े कुछ महतवपूर्ण प्रश्न:
Ques: प्रकाश संश्लेषण कब होता है
Ans: सूर्य, जल तथा कार्बन डाइऑक्साइड की उपस्थिति
Ques: प्रकाश संश्लेषण की परिभाषा क्या है ?
Ans: जिस प्रक्रिया का प्रयोग करके पौधे अपना भोजन बनाते हैं उन्हें प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया कहते हैं।
Ques:प्रकाश संश्लेषण को अंग्रेजी में क्या कहते हैं?
Ans: Photosynthesis
Ques: प्रकाश संश्लेषण का सूत्र क्या हैं?
Ans: 6CO2 + 12H2O ——- C6H12O6 + 6O2 + 6H2O
Ques: यदि पौधों में प्रकाश संश्लेषण नहीं हो तो क्या होगा?
Ans: पौधे एक समय के बाद अपने आप ही नष्ट हो जायेंगे
इस लेख के बारे में:
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प्रकाश संश्लेषण की समीकरण लिखिए
6CO2+12H2O—–} C6H12O6+6O2+6H2O