Output Device Kise kahate Hain | आउटपुट डिवाइस किसे कहते हैं

प्रिय पाठक ! आप सभी का स्वागत है इस नये लेख में इस लेख में आप जानने वाले आउटपुट डिवाइस किसे कहते हैं (Output Device Kise kahate Hain) आउटपुट डिवाइस के उदाहरण, इनके उपयोग के बारे में भी जानेंगे| आइये शुरुवात करते है इस लेख और जानते है की आउटपुट डिवाइस किसे कहते हैं | इसके पिछले लेख में आपने इनपुट डिवाइस के बारे में जाना था

आउटपुट डिवाइस किसे कहते हैं
Output Device किसे कहते है

आउटपुट डिवाइस किसे कहते हैं?

आउटपुट डिवाइस (Output Devices) आउटपुट डिवाइस का प्रयोग कम्प्यूटर से प्राप्त परिणाम को देखने के लिए किया जाता है। आउटपुट डिवाइस , आउटपुट को सॉफ्ट (Soft) अथवा हार्ड (Hard) कॉपी के रूप में प्रस्तुत करते हैं।आइये जानते है की सॉफ्ट कॉपी और हार्ड कॉपी क्या होता है?

सॉफ्ट कॉपी: वह आउटपुट होता है, जो यूज़र को कम्प्यूटर के मॉनीटर पर प्राप्त होता है
हार्ड कॉपी: वह आउटपुट होता है, जो यूज़र को पेपर पर प्रिण्टिड (Printed) रूप में प्राप्त होता है।
कुछ प्रमुख आउटपुट डिवाइस निम्न हैं

आउटपुट डिवाइस कौन कौन से होते हैं ?

अब आप आउटपुट डिवाइस के प्रकार को जानेंगे| जिसकी एक सूचि निम्न है|

  • मॉनीटर (Monitor)
  • प्रिण्टर (Printer)
  • प्लॉटर (Plotter)
  • स्पीकर (Speaker)
  • हैडफोन (Headphone)

मॉनीटर

मॉनीटर (Monitor) मॉनीटर को विज़ुअल डिस्प्ले यूनिट (Visual Display Unit-VDU) भी कहते हैं। मॉनीटर कम्प्यूटर से प्राप्त परिणाम को सॉफ्ट कॉपी के रूप में दिखाता है। मॉनीटर दो प्रकार के होते हैं-मोनोक्रोम डिस्प्ले मॉनीटर और कलर डिस्प्ले मॉनीटर।

मोनोक्रोम डिस्प्ले मॉनीटर टेक्स्ट को डिस्प्ले करने के लिए एक ही रंग का प्रयोग करता है और कलर डिस्प्ले मॉनीटर एक समय में 256 रंगों को दिखा सकता है। मॉनीटर पर चित्र छोटे-छोटे बिन्दुओं (Dots) से मिलकर बनता है। इन बिन्दुओं को पिक्सल्स (Pixels) के नाम से भी जाना जाता है।

विशेषताएँ (Features)
(i) यह टेक्स्ट और ग्राफिक्स में बहुत सारे रंग डिस्प्ले करता है।
(ii) इसकी स्क्रीन पर आउटपुट तुरन्त डिस्प्ले हो जाता है।
(iii) मॉनीटर सस्ता और विश्वसनीय होता है |

प्रिण्टर

प्रिण्टर एक प्रकार की आउटपुट युक्ति है, जिसका प्रयोग कम्प्यूटर से प्राप्त डेटा और सूचना को किसी कागज पर प्रिण्ट करने के लिए किया जाता हैं। यह ब्लैक और व्हाइट (Black and White) के साथ-साथ कलर डॉक्युमेण्ट को भी प्रिण्ट कर सकता है। किसी भी प्रिण्टर की क्वालिटी उसकी प्रिण्टिंग की क्वालिटी पर निर्भर करती है अर्थात् जितनी अच्छी प्रिण्टिंग क्वालिटी होगी, प्रिण्टर उतना ही अच्छा माना जाएगा।

किसी प्रिण्टर की गति कैरेक्टर प्रति सेकेण्ड (Character Per Second CPS) , लाइन प्रति मिनट (Line Per Minute-LPM) और पेजिज़ प्रति मिनट (Pages Per Minute-PPM) में मापी जाती है। किसी प्रिण्टर की क्वालिटी डॉट्स प्रति इंच (Dots Per Inch–DPI) में मापी जाती है अर्थात् पेपर पर एक इंच में जितने ज्यादा-से-ज्यादा बिन्दु होंगे, प्रिण्टिग उतनी ही अच्छी होगी। विशेषताएँ (Features) जल्दी प्राप्त किए जा सकते हैं।

प्लॉटर

यह एक आउटपुट युक्ति है, जिसका प्रयोग बड़ी ड्रॉइंग या चित्र जैसे कंस्ट्रक्शन प्लान्स (Construction Plans) , मैकेनिकल वस्तुओं को ब्लूप्रिण्ट, AUTOCAD, CAD / CAM आदि के लिए किया जाता हैं। इसमें ड्रॉइंग बनाने के लिए पेन, पेन्सिल, मार्कर, आदि राइटिंग टूल का प्रयोग होता है। यह प्रिण्टर की तरह होता है। इसमें एक समतल चौकोर सतह पर कागज़ लगाया जाता है।

इस सतह से कुछ ऊपर एक ऐसी छड़ (Rod) होती है, जो कागज़ के एक सिरे से दूसरे सिरे तक चल सकती है। इस छड़ पर अलग-अलग रंगों के दो या तीन पेन लगे होते हैं, जो छड़ पर आगे-पीछे सरक सकते हैं। इस प्रकार छड़ और पेनों की सम्मिलित हलचल से समतल सतह के किसी भी भाग में कागज़ पर चिह्न या चित्र बनाया जा सकता है। इनके द्वारा छपाई अच्छी होती है परन्तु ये बहुत धीमे होते हैं तथा मूल्य भी अपेक्षाकृत अधिक होता है। लेज़र प्रिण्टरों के आ जाने के बाद इनका प्रयोग लगभग समाप्त हो गया।

विशेषताएँ (Features)
(i) यह स्वतः पेपर कटर का आकार करने के लिए दस्तावेजों की ट्रिमिंग (Trimming) का काम आसान करता है।
(ii) इनके पास इलेक्ट्रॉनिक्स / लॉजिक बोर्ड होते हैं। प्लॉटर-प्लॉटर के प्रकार (Types of Plotter)

प्लॉटर दो प्रकार के होते हैं

(i) फ्लैटबैड प्लॉटर (Flatbed Plotter) ये प्लॉटर साइज़ में छोटे होते हैं तथा इसे आसानी से मेज पर रखकर प्रिण्टिग की जा सकती है। इसमें जो पेपर प्रयोग होता है, उनका आकार (Size) सीमित होता है।
(ii) ड्रम प्लॉटर (Drum Plotter) ये साइज़ में काफी बड़े होते हैं तथा इसमें प्रयुक्त पेपर की लम्बाई असीमित होती है। इसमें पेपर का एक रोल (Roll) प्रयोग किया जाता है।

स्पीकर

स्पीकर (Speaker): यह एक ऐसी युक्ति है, जिससे कम्प्यूटर आवाज़ के रूप में आउटपुट दे सकता है। यह कम्प्यूटर से डेटा विद्युत धारा (Electric Current) के रूप में प्राप्त करता है प्राय: यह एक जोड़े के रूप में होता है। इसका उपयोग मल्टीमीडिया कम्प्यूटरों के साथ किया जाता है। हम इसकी सहायता से संगीत, फिल्मों के गाने और संवाद, आदि सुन सकते हैं। स्पीकर का उपयोग करने के लिए कम्प्यूटर में साउण्ड कार्ड का होना आवश्यक है। यह कार्ड मदरबोर्ड में एक निश्चित स्थान पर में लगाया जाता है

विशेषताएँ (Features)
(i) ये आसानी से संचालित हो जाते हैं।
(ii) ये एनालॉग या डिजिटल रिकॉर्डिंग से ध्वनि उत्पन कर सकते हैं।

प्रोजेक्टर

प्रोजेक्टर (Projector): यह एक ऐसी युक्ति है, जिसका प्रयोग कम्प्यूटर से प्राप्त सूचना या डेटा को एक बड़ी स्क्रीन पर देखने के लिए किया जाता है। इसकी सहायता से एक समय में बहुत सारे लोग एक साथ बैठकर परिणाम को देख सकते हैं। इसका प्रयोग क्लास रूम ट्रेनिंग या एक बड़े कॉन्फ्रेन्स हॉल, जिसमें ज्यादा संख्या में दर्शक हों, जैसी जगहों पर किया जाता है। इसके द्वारा छोटे चित्रों को बड़ा करके सरलतापूर्वक देखा जा सकता है। यह एक प्रकार की अस्थायी आउटपुट युक्ति है।

विशेषताएँ (Features)
(i) ये आसानी से इन्स्टॉल हो जाते हैं।
(ii) चित्र या टेक्स्ट को अधिकतम बड़ा करके देख सकते हैं।

हैडफोन

हैडफोन (Headphone): यह एक ऐसी युक्ति है, जो स्पीकर जैसा ही कार्य करती है, परन्तु इसे सिर पर एक बैल्ट की तरह पहना जाता है। इसके स्पीकर दोनों कानों के ऊपर आ जाते हैं इसलिए इनकी आवाज केवल इसे पहनने वाले व्यक्ति को ही सुनाई देती है। किसी-किसी हैडफोन के साथ एक माइक्रोफोन या माइक भी लगा होता है, जिसमें हम सुनने के साथ-साथ बोल भी सकते हैं। इस युक्ति का उपयोग प्रायः टेलीफोन ऑपरेटरों, कॉल सेन्टर ऑपेरटरों, कमेंटेटरों, आदि द्वारा किया जाता है। ध्वनि वाली युक्तियों का उपयोग केवल तभी कर सकते हैं, जब मदरबोर्ड में साउण्ड कार्ड लगा हो। आजकल लगभग सभी मदरबोर्ड में पहले से ही साउण्ड कार्ड लगा हुआ आता है।

विशेषताएँ (Features)
(i) ये आसानी से उपयोग किये जा सकते हैं।
(ii) ये सस्ते होते हैं और स्पीड अच्छी होती है।

इस लेख के बारे में:

तो आपने इस लेख में जाना की आउटपुट डिवाइस किसे कहते हैं| इस लेख को पढ़कर आपको कैसा लगा आप अपनी राय हमें कमेंट कर सकते है| इस लेख में सामान्य तौर पर किसी भी प्रकार की कोई गलती तो नहीं है लेकिन अगर किसी भी पाठक को लगता है की इस लेख में कुछ गलत है तो कृपया कर हमे अवगत करे| आपके बहुमूल्य समय देने के लिए और इस लेख को पढने के लिए allhindi की पूरी टीम आपका दिल से आभार व्यक्त करती है|

इस लेख को अपने दोस्तों तथा किसी भी सोशल मीडिया के माध्यम से दुसरो तक यह जानकारी पहुचाये| आपकी एक शेयर और एक कमेंट ही हमारी वास्तविक प्रेरणा है |

Leave a Comment