लोकतंत्र क्या हैं | Loktantra Kya Hai (परिभाषा, अर्थ, प्रकार, महत्व और सिद्धांत)

नमस्कार दोस्तों आज allhindi.co.in में आप सभी का बहुत-बहुत स्वागत है। आज कि इस लेख में हम सभी जाने कि लोकतंत्र क्या है। और लोकतंत्र किसे कहते है। अक्सर हम क्लास सिक्स या सेवन से लोकतंत्र के बारे में सुनते आ रहे होते है। लेकिन हमें इस पर पूरी जानकारी नहीं हो पाती यहां इसे अच्छी तरह से नहीं समझ पाते तो आज इस लेख में मैं आप लोगों को आसान शब्दों में समझाने की कोशिश करूंगा कि लोकतंत्र क्या है। और लोकतंत्र की क्या विशेषता हैं। तो आइए जानते है। सबसे पहले लोकतंत्र क्या हैं

लोकतंत्र क्या हैं

लोकतंत्र एक प्रणाली है। जो लोगों को शासन में हिस्सा देती है।और अपनी आजादी को बनाए रखने की शक्ति देती है। लोकतंत्र लोकतंत्र दो शब्दों से मिल कर बना है। लोक + तंत्र । जिसका अर्थ होता है। लोगों का शासन, लोगो के लिये साशन, लोगो के द्वारा शासन। लोकतंत्र को इंग्लिश में Democracy कहते है।

लोकतंत्र क्या हैं

लोकतंत्र की परिभाषा – Loktantra ki paribhasha 

अलग-अलग शास्त्रकारों ने लोकतंत्र की अलग-अलग परिभाषा दी है। यहां नीचे कुछ निम्न परिभाषा है। विशेषज्ञों के द्वारा दी गई है। आइए जानते है।

ब्राइस के अनुसार – “लोकतंत्र का मतलब एक ऐसे सरकार से है। जिसमें  शासन का मतलब एक साधारण जनता का शासन होता हो।”

सीले के अनुसार – “ सीले के अनुसार एक ऐसी शासन व्यवस्था से है। जिसमे प्रत्येक व्यक्ति या मनुष्य भाग ले सकें और अपने मत या विचारो को स्वतंत्र रूप से प्रकट कर सके।”

हॉल के अनुसार – “हॉल के अनुसार लोकतंत्र का मतलब  एक ऐसी शासन  से होनी चाहिए जिससे लोगों पर आवश्यकता अनुसार उन पर रोक किया जा सके।”

लोकतंत्र का क्या अर्थ है? – Loktantra ka kya arth hai

अक्सर परीक्षा में इस तरह के प्रश्न कई बार अलग-अलग कक्षाओं में पूछे जाते है। जैसे कि लोकतंत्र से आप क्या समझते है।? लोकतंत्र का क्या अर्थ होता है। लोकतंत्र से क्या अभिप्राय है।

अंग्रेजी में लोकतंत्र को डेमोक्रेसी (democracy) कहते है। डेमोक्रेसी दो ग्रीक शब्दो से मिलकर बना होता है। ‘डेमो’ (demo) का अर्थ जनता तथा ‘क्रेसी’ का मतलब  शक्ति या शासन से है। 

इस प्रकार से हम कह सकते है। कि लोकतंत्र का मतलब होता है। जनता के द्वारा शासन या फिर हम दूसरी शब्दो में हम कह सकते है। कि एक ऐसी शासन प्रणाली जिसमें सर्वोच्च अधिकार आम लोगो के पास हो।

लोगों की सरकार से अभिप्राय प्रत्यक्ष प्रजातंत्र है।, सरकार के द्वारा आम लोगों पर शासन किया जाता है। सरकार आम लोगों की होती है। और सरकार को आम जनता के द्वारा चुना जाता है। आम जनता के एकमत से सरकार बनती है। तथा सरकार को अपने दायित्व को पूरी ईमानदारी और मेहनत से पूरा करना चाहिए। सरकार को लोगों के हितों की रक्षा में कदम उठाने चाहिए।

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लोकतंत्र के प्रकार – Types of democracy

सामान्य रूप से लोकतंत्र को दो रूप में बांटा गया है। 

1.प्रत्यक्ष लोकतंत्र

2.अप्रत्यक्ष लोकतंत्र

प्रत्यक्ष लोकतंत्र क्या हैं ?

जब कोई सामान्य व्यक्ति प्रत्यक्ष तरीके से प्रशासन एवं शासन के कार्य में भाग लेता है। तथा निर्माण करने का कार्य उनका कार्य प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी चुनकर उन पर नियंत्रण रखता है। उसे प्रत्यक्ष लोकतंत्र कहते है। पुराने समय में जब ग्रीक नगर के राज्य में लोकतंत्रात्मक शासन का प्रचलन था प्रत्यक्ष लोकतांत्रिक प्रणाली एक ऐसी प्रणाली है। जो केवल कम जनसंख्या वाले छोटे राज्य एवं प्रदेश में लागू हो सकती है। इसे हम बड़ी जनसंख्या वाले राज्य में लागू नहीं कर सकते है। इसे बड़े राज्य में लागू करना नामुमकिन है। या फिर असंभव जैसा यह है। अगर आप उदाहरण के तौर पर देखें तो पता चलता त्रिक प्रणाली जो कि स्विट्जरलैंड में लागू किया जा सकता है। क्योंकि स्विट्जरलैंड में आबादी बहुत कम है।

प्रत्यक्ष लोकतंत्र संचालन के लिए साधन

जनमत संग्रह: जब किसी विषय पर जनता की राय जानने के लिए मतदान करवाया जाता है। तो उसे  जनमत संग्रह कहते है।

जनमत संग्रह 4 प्रकार की होती है।

  1. अनिवार्य जनमत संग्रह: इस जनमत संग्रह में संविधान को लोगों की उपयुक्त के लिए बनाया जाता है।
  2. ऐच्छिक जनमत संग्रह: अगर 30000 मतदाता या फिर 8 कैण्टन किसी कानून की मांग करें तो उस कानून पर जनमत संग्रह करवाया जा सकता है।और जनमत संग्रह को  लोकतंत्र की ढाल भी कहा जाता है। 
  3. प्रत्यावर्तन (Recall): ऐसा ऐसी प्रणाली जिसके अंतर्गत जनता के द्वारा चुनी गई सरकार या किसी व्यक्तिगत इंसान इंसान के कार्यों से असंतुष्ट होने पर कार्यकाल पूर्ण होने से पहले उस सरकार या कोई व्यक्तिगत इंसान को उस पद से या उस सरकार को निष्कासित करने की प्रक्रिया को हम रीकॉल कहते है। रिकॉल को हिंदी में हम प्रत्यावर्तन कहते है।
  1. प्रारंभिक सभाएं: वह सभा जिसमें राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा की जाती हो ऐसी सभा को हम प्रारंभिक सभा कहते है। भारत में ग्राम सभा, वार्ड सभा प्रारंभिक सभा का एक रूप है।
  2. आरंभक: प्रत्यक्ष लोकतंत्र का यह वह साधन है। जिसके द्वारा जनता खुद कानून निर्माण की पहल करती है। या मांग करती है। ऐसी लोकतंत्र को आरंभक कहते है। 

आरंभक के दो भाग होते है।: 

साधारण आरंभक

सूत्रवत आरंभक

साधारण आरंभक: जब  जनता सरकार से मौखिक रूप से या किसी आंदोलन के माध्यम से किसी कानून को बनाने की मांग करती है। इस प्रक्रिया को हम साधारण आरंभ कहते है।

सूत्रवत आरंभक: जब जनता सरकार से प्रारूप बनाकर शांतिपूर्ण तरीके से किसी कानून को बनाने की मांग करती है। इस प्रक्रिया को हम सूत्रवत आरंभक कहते है।

डायसी के अनुसार: स्विट्जरलैंड में जनमत संग्रह जनता के लिए ढाल और तलवार दोनों है।

अप्रत्यक्ष लोकतंत्र क्या हैं ?

अप्रत्यक्ष लोकतंत्र को प्रतिनिध्यापक लोकतंत्र भी कहते है। एक ऐसा लोकतंत्र जिनमें जनता वास्तविक शासन की शक्ति का प्रतीक माना जाता है। लेकिन जनता स्वतंत्रता पूर्वक अपने चुने हुए प्रतिनिधियों को वह शक्ति प्रदान कर देती है। अगर हम उदाहरण के तौर पर देखें: तो भारत एक ऐसा देश है। जहां पर अप्रत्यक्ष लोकतंत्र को स्वीकार किया जाता है।

अप्रत्यक्ष लोकतंत्र दो प्रकार के होते है।:

अध्यक्षीय शासन प्रणाली: इस शासन प्रणाली में राष्ट्रपति के द्वारा ही मुख्य रूप से शासन किया जाता है। तथा राष्ट्रपति के द्वारा ही सारे शक्तियों का प्रयोग किया जाता है।

संसदीय शासन प्रणाली: इस शासन प्रणाली में राष्ट्रपति नाममात्र का शासन करता है। या फिर राष्ट्रपति अपने पास बहुत कम शक्तियां रखता है। इस प्रणाली में मुख्य रूप से प्रधानमंत्री व मंत्रिमंडल शासन करती है। शक्तियों का प्रयोग प्रधानमंत्री तथा मंत्रिमंडल के के अनुसार किया जाता है।

लोकतंत्र की विशेषताएं

  1. लोकतंत्र में एक निश्चित समय के बाद दोबारा चुनाव होता है। अगर लोग अपने चुने हुए प्रतिनिधि या सरकार से खुश नहीं होते है। तो वह उनकी जगह पर एक नए प्रतिनिधि या सरकार का चुनाव स्वतंत्रता पूर्वक अपनी इच्छा के अनुसार कर सकते है।
  2. लोकतंत्र में स्वतंत्रता के साथ और बिना कोई पक्षपात के चुनाव की व्यवस्था होती है। जिसकी जिम्मेदारी चुनाव आयोग के पास होती है।
  3. प्रजातंत्र का सामान्य अर्थ उस राज्य सरकार से है। जिसमें शासन की अंतिम सत्ता लोगों के हाथों में होती है। जिसमें चुनाव का आधार सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार होता है।
  4. प्रत्येक इंसान को एक निश्चित आयु के बाद  उन्हें मत देने का अधिकार उन्हें प्राप्त हो जाता है। इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि मत देने वाला एक युवक है। या एक युवती। यह अधिकार समान रूप से हर किसी पर लागू होता है।
  5. लोकतंत्र में आम इंसान को ही सत्ता का मुख्य स्रोत माना जाता है। क्योंकि आम इंसान ही यह निर्णय लेती है। कि इस बार कौन सा दल अपना सरकार बनाएगी ।
  6. लोकतंत्र में हर व्यक्ति को मौलिक अधिकार दिया जाता है। इस मौलिक अधिकार के अंतर्गत हर व्यक्ति अपने भाव या विचार को प्रकट करने के लिए पूरी तरह से स्वतंत्र होता है।
  7. समाचार पत्रों  तथा मीडिया को सरकार की नीतियों पर अपनी राय प्रकट करने की पूरी छूट होती है। उन नीतियों में क्या कमी है। और क्या लोगों के लिए अच्छा है। समाचार पत्र तथा मीडिया इस पर स्वतंत्रता पूर्वक अपने विचारों को प्रकट कर सकते है। इसलिए आज भी समाचार पत्रों तथा मीडिया को सरकार और एक आम नागरिक के बीच की सबसे अहम कड़ी माना जाता है।
  8. लोकतंत्र सिर्फ एक शासन पद्धति ही नहीं बल्कि बल्कि एक जीवन शैली के रूप में भी कार्य करती है। जिसमें सभी वर्ग के लोग अपने धर्म का पालन पूरी निष्ठा के साथ कर सकते है। तथा वे किसी भी भाषा को या संस्कृति को अपनाने के लिए पूर्ण रूप से स्वतंत्र होते है।
  9. लोकतंत्र व्यवस्था आज के समय में बहुत ही उपयोगी साबित हुई है। ।और यह समय के अनुकूल भी है। इसके द्वारा व्यक्ति अपने अधिकारों की रक्षा कर सकता है। तथा अपने भाव या विचारों को सरकार तक एक सही ढंग से प् पहुंचा सकता है। इस लोकतंत्र व्यवस्था की मदद से राज्य की निरकुंसक्ता को रोकने तथा स्वतंत्र एवं निष्पक्ष न्यायपालिका की व्यवस्था कर पाता है। 

लोकतंत्र से सम्बंधित कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर (FAQs)

प्रश्न: लोकतांत्रिक शिक्षा क्या है?

उत्तर: लोकतंत्र में प्रत्येक व्यक्ति की अपनी एक गरिमा होती है तथा प्रत्येक व्यक्ति अपने आप में कुछ महत्व रखता है।लोकतांत्रिक शिक्षा लोकतंत्र के सिद्धांतों का पालन करती है।

प्रश्न: लोकतंत्र क्यों जरूरी है?

उत्तर: प्रत्येक देश में शांति समृद्धि और एकता को बनाए रखने के लिए लोकतंत्र का होना बहुत जरूरी है लोकतंत्र से एक सरकार का निर्माण होता है इस प्रकार प सरकार भी लोगों की भलाई के लिए काम करते हैं

प्रश्न: क्या भारत में प्रत्यक्ष लोकतंत्र है?

उत्तर: वास्तविक रूप से भारत में कोई भी प्रत्यक्ष लोकतंत्र नहीं है क्योंकि भारत में सरकार को चुनाव करने के लिए जनता प्रत्यक्ष रूप से भाग लेने में असमर्थ होती है। सबसे पहले जनता एक प्रतिनिधि को चुनती है और उस प्रतिनिधि के द्वारा एक सरकार को चुना जाता है।

अंतिम शब्द

मुझे उम्मीद है कि आप सभी को हमारे द्वारा लिखी गई और लेख पसंद आई होगी और आप यह पूरी तरह से समझ पाए होंगे कि लोकतंत्र क्या है जैसा कि हमने इस लेख में जाना लोकतंत्र किसे कहते हैं लोकतंत्र की परिभाषा क्या होती है लोकतंत्र के अर्थ उनके प्रकार तथा लोकतंत्र की विशेषताएं क्या होते हैं इन सभी विषयों को जानने के बाद मुझे पूरी उम्मीद है कि आप लोकतंत्र के बारे में भली-भांति जान गए होंगे अगर आपकी कोई भी सवाल या सुझाव हो तो आप हमें कमेंट करके अपने सवाल यह सुझाव हमारे साथ साझा कर सकते हैं इस साइट पर अपना कीमती समय देने के लिए आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद इस प्रकार की जानकारी को पाने के लिए आप हमारे इस ब्लॉग को suscribe कर सकते हैं।

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