प्रिय पाठक ! आप सभी का स्वागत है इस नये लेख में इस लेख में आप जानने वाले Input Device किसे कहते है (Input Device Kise Kahate Hain) डिवाइस के उदाहरण, इनके उपयोग के बारे में भी जानेंगे| आइये शुरुवात करते है इस लेख और जानते है की Input Device किसे कहते है | आगे की लेख में आप आउटपुट डिवाइस के बारे में जाना था
Input Device किसे कहते है?
इनपुट डिवाइस (Input Devices) वे उपकरण, जिनका प्रयोग उपयोगकर्ता (User) के द्वारा कम्प्यूटर को डेटा और निर्देशों को प्रदान करने के लिए किया जाता है, इनपुट डिवाइस कहलाती हैं। इनपुट डिवाइस उपयोगकर्ता से इनपुट लेने के बाद इसे मशीनी भाषा में परिवर्तित कर सी.पी.यू. के पास भेज देती हैं।

Input Device के प्रकार |इनपुट डिवाइस कौन कौन से होते हैं
कुछ प्रमुख इनपुट डिवाइस निम्न हैं
- कीबोर्ड (Keyboard)
- माउस (Mouse)
- जॉयस्टिक (Joystick)
- लाइट पेन (Light Pen)
- ट्रैकबॉल (Trackball)
- ऑप्टिकल मार्क रिकॉग्निशन (Optical Mark Recognition-OMR)
- ऑप्टिकल कैरेक्टर रीडर (Optical Character Reader-OCR)
- एम. आई.सी.आर (Magnetic Ink Character Recognition-MICR)
- स्कैनर (Scanner)
कीबोर्ड (Keyboard)
यह सबसे प्रमुख इनपुट युक्ति है, जो टाइपराइटर के समान दिखाई देती है। इसमें टाइपराइटर की तरह ही बहुत से बटन या कुंजियाँ (Keys) होती हैं। इन कुंजियों को दबाकर कोई भी पाठ्य; जैसे-शब्द, संख्याएँ, चिह्न आदि टाइप किए जा सकते हैं। इसका प्रयोग कम्प्यूटर में डेटा एवं निर्देशों को कम्प्यूटर की मैमोरी तक पहुँचाने में किया जाता है।
माउस
माउस हाथ में पकड़कर चलाई जाने वाली एक इनपुट युक्ति है। यह एक केबिल द्वारा सी.पी.यू. से जुड़ा रहता है। इसका उपयोग मॉनीटर के पर्दे पर कर्सर को कण्ट्रोल करने में किया जाता है। माउस एक छोटी डिब्बी के आकार का होता है। इसको हाथ से पकड़कर एक समतल पैड पर सरकाया जाता है, जिसे माउस पैड (Mouse Pad) कहते हैं। माउस के ऊपर दो बटन भी होते हैं, जिन्हें बायाँ और दायाँ बटन कहा जाता है।
जॉयस्टिक
यह एक गोलाकार गेंद के ऊपर लगी हुई एक छड़ी या मूठ होती है, जिससे उस गेंद को उसके सॉकेट के अन्दर घुमाया जाता है। जॉयस्टिक की सहायता से हम स्क्रीन पर चलती हुई किसी वस्तु की दिशा बदल सकते हैं तथा उसे आगे-पीछे या ऊपर-नीचे ले जा सकते हैं।
जॉयस्टिक में एक बटन लगा होता है, जिसे पुश बटन (Push Button) या फायर बटन (Fire Button) कहा जाता है। जॉयस्टिक का प्रयोग प्रायः कम्प्यूटर पर वीडियो गेम खेलने में किया जाता है और फायर बटन को दबाकर आदेश दिया जाता है।
विशेषताएँ (Features)
(i) इसे हम एक हाथ से आसानी से पकड़कर वीडियो गेम्स (Video Games) को नियन्त्रित कर सकते हैं।
(ii) इसके द्वारा ट्रक, क्रेन जैसी मशीनों को कण्ट्रोल किया जा सकता है।
लाइट पेन
लाइट पेन (Light Pen) यह भी जॉयस्टिक और माउस की भाँति एक प्वॉइण्टिंग युक्ति होती है, जो एक साधारण बॉलपेन की तरह दिखाई देता है। इसके एक सिरे पर एक पतली पिन या सुईं होती है और दूसरे सिरे से तार निकलकर कम्प्यूटर से जुड़ा होता है। इसको साधारण पेन की तरह हाथ से पकड़कर या तो किसी विशेष सतह पर या मॉनीटर की स्क्रीन पर किसी बिन्दु पर रखा जाता है।
इसकी सुईं में से निकली प्रकाश की बौछार से स्क्रीन पर बिन्दु बन जाते हैं। हम जो कुछ भी इस पेन से लिखते हैं या चित्र बनाते हैं, वह उसी रूप में कम्प्यूटर की स्क्रीन पर दिखाई पड़ता है। यह चित्रकारों तथा डिजाइनरों के लिए बहुत उपयोगी युक्ति है। इसे चुम्बकीय छड़ी (Magnetic Stick) भी कहा जाता है। इसका प्रयोग प्रायः कम्प्यूटर एडिड डिज़ाइनिंग (Computer Aided Designing) जैसे कार्यों में किया जाता है।
विशेषताएँ (Features)
(i) इसका प्रयोग करना अत्यधिक आसान है।
(ii) इसका स्क्रीन पर सीधे प्रयोग किया जा सकता है।
ट्रैकबॉल
इसे रोलर बॉल (Roller Ball) भी कहा जाता है। यह भी माउस की तरह एक प्वॉइण्टिग युक्ति होती है। इसमें एक गेंद होती है, जिसे अँगुलियों द्वारा घुमाया जाता है। जिस दिशा में यह गेंद घूमती है, उसी दिशा में स्क्रीन पर 8 इसका प्वॉइण्टर घूमता है। इसमें भी माउस की तरह दाएँ और बाएँ दो बटन लगे होते हैं। ट्रैकबॉल प्राय: लैपटॉप कम्प्यूटरों के कीबोर्ड में लगी होती है। यह अलग से भी उपलब्ध होती है।
विशेषताएँ (Features)
(i) इसका प्रयोग CAD वर्कस्टेशनों (Computer Aided Design Workstations) में किया जाता है।
(ii) इसका प्रयोग CAM वर्कस्टेशनों (Computer Aided Manufacturing Workstations) में किया जाता है।
ऑप्टिकल मार्क रिकॉग्निशन
यह एक ऐसा इनपुट साधन है, जिसके उपयोग से किसी कागज पर बनाए गए चिह्नों को पहचाना जाता है। उदाहरण के लिए, वस्तुनिष्ठ प्रकार 5 (Objective Type) की प्रतियोगात्मक परीक्षा में उत्तरों (Answers) को मोटे कागज के एक उत्तर-पत्रक (Answer Sheet) पर काले वृत्त य दीर्घवृत्त बनाकर चिह्नित किया जाता है।
ऑप्टिकल मार्क रीडर ऐसे उत्तर-पत्रों को पढ़कर यह पहचान लेता है कि किस प्रश्न का क्या उत्तर दिया गया है। इसकी सहायता से हजारों उत्तर-पत्रों की जाँच मिनटों में सही-सही की जा सकती है और परीक्षा का परिणाम तत्काल घोषित किया जा सकता है।
विशेषताएँ (Features)
(i) ओ.एम.आर. सिस्टम 100 % एक्यूरेट (Accurate) होते हैं।
(ii) यह अक्षरों को पढ़ने का बहुत तेज माध्यम है, इसके पढ़ने की क्षमता मशीन की दक्षता पर निर्भर करती है।
ऑप्टिकल कैरेक्टर रीडर
यह ऑप्टिकल मार्क रीडर का सुधरा हुआ रूप है। यह केवल साधारण चिह्नों को ही नहीं बल्कि छापे गए या हाथ से साफ-साफ लिखे गए अक्षरों को भी पढ़ लेता है। इस तकनीक को ऑप्टिकल कैरेक्टर रिकॉग्निशन (Optical Character Recognition) कहा जाता है। ओ.सी.आर. सामान्य स्पीड 1500 13000 कैरेक्टर प्रति सेकेण्ड होती है। यह तकनीक अत्यधिक सटीक रिकॉग्निशन के लिए विकसित की जा रही है, जिसे की इन्टेलिजेण्ट कैरेक्टर रिकॉग्निशन (Intelligent Character Recognition-ICR) कहते हैं।
विशेषताएँ (Features)
(i) ओ.सी.आर. एक प्रिण्टिड फोर्स या हैण्डरिटन फॉर्म डॉक्युमेण्ट को टाइप करने में कम समय लेता है। (ii) इसके द्वारा बदले हुए फॉर्मेट को वर्ड प्रोसेसर (Word Processor) में एडिट भी किया जा सकता है। (iii) इसके उपयोग से पुराने दस्तावेज को भी आसानी से पढ़ा जा सकता है।
एम.आई.सी.आर.
एम.आई.सी.आर. (Magnetic Ink Character Recognition-MICR) यह ऑप्टिकल कैरेक्टर रिकॉग्निशन तकनीक का ही दूसरा रूप है, जिसमें किसी चुम्बकीय स्याही से छापी गई सूचनाओं को पढ़ा जाता है। इसमें गलतियाँ होने की सम्भावना लगभग शून्य होती हैं इसलिए इसका उपयोग प्राय: बैंकों द्वारा चैक, ड्राफ्ट, आदि की प्रोसेसिंग (Processing) या क्लीयरिंग (Clearing) में किया जाता है।
स्मार्ट कार्ड्स जो विशिष्ट प्रकार की सूचना रखते हैं, उनमें भी एक मैग्नेटिक पट्टी होती है, जिस पर सूचना मैग्नेटिक इंक से अंकित होती है। इन कार्डों को एम.आई.सी.आर. के द्वारा ही पढ़ा व प्रोसेस्ड (Processed) किया जाता है।
विशेषताएँ;
(i) एम.आई.सी.आर. से तैयार किए गए डॉक्युमेण्ट को फर्जी (Fack) सिद्ध करना कठिन है।
(ii) इसके द्वारा तैयार डॉक्युमेण्ट मुड़ने तथा फटने पर भी पढ़ा जा सकता है।
टच स्क्रीन
यह इनपुट का आधुनिकतम रूप है। इसमें एक विशेष प्रकार के मॉनीटर का उपयोग किया जाता है। इसमें इनपुट देने के लिए हम कीबोर्ड के बटनों को नहीं दबाते, बल्कि स्क्रीन पर ही निश्चित स्थान को छूते हैं या हल्के से दबाते हैं, इससे पता चल जाता है कि हम क्या इनपुट देना चाहते हैं? टच स्क्रीन का उपयोग प्रायः ऐसे स्थानों पर किया जाता है, जहाँ ग्राहकों को कम्प्यूटर में कोई इनपुट देना होता है; जैसे-ए.टी.एम. मशीनों में या टिकट वेटिंग मशीनों (Ticket Waiting Machines) में।
विशेषताएँ (Features)
(i) इसके द्वारा लिखने के लिए कीपैड की आवश्यकता नहीं होती है।
(ii) यह कीपैड की अपेक्षा जल्दी इनपुट देता है।
स्कैनर
स्कैनर का प्रयोग पेपर पर लिखे हुए डेटा या छपे हुए चित्र (Image) को डिजिटल रूप में परिवर्तित करने के लिए किया जाता हैं। यह एक ऑप्टिकल इनपुट युक्ति है, जो इमेज को इलेक्ट्रॉनिक रूप में बदलने के लिए प्रकाश को इनपुट की तरह प्रयोग करता है और फिर चित्र को डिजिटल रूप में बदलने के बाद कम्प्यूटर में भेजता है। स्कैनर का प्रयोग किसी डॉक्युमेण्ट (Document) को उसके वास्तविक रूप में स्टोर करने के लिए किया जा सकता है, जिससे उसमें आसानी से कुछ बदलाव किया जा सके।
विशेषताएँ (Features)
(i) फ्लैटबैड (Flatbed) स्कैनर अधिक शुद्ध (Accurate) एवं उच्चतम गुणवत्ता की इमेज बनाते हैं।
(ii) स्कैनर द्वारा किसी भी प्रिण्टिड इमेज को डिजिटल फॉर्मेट में बदला जा सकता है और उन्हें किसी अन्य डॉक्युमेण्ट में भी प्रयोग किया जा सकता है।
इस लेख के बारे में:
तो आपने इस लेख में जाना की Input Device किसे कहते हैं| इस लेख को पढ़कर आपको कैसा लगा आप अपनी राय हमें कमेंट कर सकते है| इस लेख में सामान्य तौर पर किसी भी प्रकार की कोई गलती तो नहीं है लेकिन अगर किसी भी पाठक को लगता है की इस लेख में कुछ गलत है तो कृपया कर हमे अवगत करे| आपके बहुमूल्य समय देने के लिए और इस लेख को पढने के लिए allhindi की पूरी टीम आपका दिल से आभार व्यक्त करती है|
इस लेख को अपने दोस्तों तथा किसी भी सोशल मीडिया के माध्यम से दुसरो तक यह जानकारी पहुचाये| आपकी एक शेयर और एक कमेंट ही हमारी वास्तविक प्रेरणा है |