वाच्य किसे कहते हैं (परिभाषा, भेद व उदाहरण) | Vachya Kise Kahate Hain

नमस्कार दोस्तों, आज की इस लेख में आप सभी का स्वागत हैं। आज की इस लेख में आप सभी को यह बताया जायेगा की वाच्य किसे कहते हैं। परिभाषा, व उदाहरण) के बारे में जानेंगे। चलिए इस लेख की शुरुआत करते हैं। इसके पिछले लेख में क्रिया के बारे में बताया गया हैं।

वाच्य किसे कहते हैं

वाच्य (Voice): क्रिया के जिस रूप से यह बोध हो कि वाक्य में क्रिया का प्रयोग कर्ता, कर्म या भाव के अनुसार हुआ है, उसे वाच्य कहते हैं।

वाच्य किसे कहते हैं

वाच्य के भेद (Kinds of Voice):

हिंदी में वाच्य के तीन भेद होते हैं-

  • कर्तृ वाच्य
  • कर्म वाच्य
  • भाव वाच्य

कर्तृवाच्य किसे कहते हैं

कर्तृ वाच्य (Active Voice):जब वाक्य में क्रिया का लिंग और वचन कर्ता के अनुसार हो, उसे कर्तृ वाच्य कहते हैं।

उदाहरण: राधा गीत गाती है।
महेश पतंग उड़ाता है।

ऊपर के वाक्यों में क्रियाएँ’ गाती है’, ‘उड़ाता है‘, कर्ता के लिंग और वचन के अनुसार प्रयोग हुई हैं, अत: ये कर्तृ वाच्य हैं। कर्तृ वाच्य में क्रिया सकर्मक/अकर्मक कोई भी हो सकती है।

कर्मवाच्य किसे कहते हैं

कर्मवाच्य (Passive Voice):जब वाक्य में क्रिया का लिंग और वचन कर्म के अनुसार हो, उसे कर्म वाच्य कहते हैं।

उदाहरण:-राधा द्वारा गीत गाया जाता है।
महेश से पतंग उड़ाई जाती है।

उपरोक्त वाक्यों में क्रियाएँ ‘गाया जाता है’, ‘उड़ाई जाती है’, कर्म के लिंग और वचन के अनुसार प्रयोग हुई है, अत: ये कर्म वाच्य है।कर्म वाच्य केवल सकर्मक क्रिया से ही बनते हैं क्योंकि इनमें कर्म प्रधान होता है।

भाव वाच्य किसे कहते हैं

(3) भाव वाच्य (Impersonal Voice):जब वाक्य में क्रिया का प्रयोग कर्ता और कर्म के अनुसार न होकर भाव के अनुसार होता है, उसे भाव वाच्य कहते हैं।

उदाहरण:-हमसे खाया नहीं जाता।
विवेक से गाया नहीं जाता।

उपरोक्त वाक्यों की क्रियाएँ ‘खाया नहीं जाता’, ‘गाय नहीं जाता’, कर्ता या कर्म के अनुसार न होकर वाक्य के भाव के अनुसार है, अत: ये भाव वाच्य है। भाव वाच्य में क्रिया सदैव अन्य पुरुष, पुल्लिंग तथा एकवचन होती है।

वाच्य परिवर्तन के नियम

वाच्य परिवर्तन (Change of Voice):वाच्य परिवर्तन दो प्रकार से किया जा सकता है-

कर्तृ वाच्य से कर्म वाच्य बनाना
कर्तृ वाच्य से भाव वाच्य बनाना

कर्तृ वाच्य से कर्म वाच्य बनाना

(1) कर्तृ वाच्य से कर्म वाच्य बनाना: कर्तृ वाच्य से कर्म वाच्य बनाने के प्रमुख नियम निम्नलिखित है-

कर्ता के बाद से, द्वारा या के द्वारा शब्द लगाते हैं।
कर्ता के बाद यदि ‘ने’ चिह्न लगा हो तो उसे हटा देते हैं।
वाक्य में क्रिया का लिंग और वचन कर्म के अनुसार होता है।

क्रम सं.कर्तृ वाच्यकर्म वाच्य
1.राजू ने गीत गाया।राजू के द्वारा गीत गाया गया।
2.वह पत्र लिखती है।उसके (स्त्री) द्वारा पत्र लिखा जाता है।
3.लड़के गेंद खेल रहे हैंलड़कों द्वारा गेंद खेला जा रहा है।
4.किसान फसल काटेगा।किसान के द्वारा फसल काटी जाएगी।

कर्तृ वाच्य से भाव वाच्य बनाना:कर्तृ वाच्य से भाव वाच्य बनाने के प्रमुख नियम निम्नलिखित है-

कर्ता के बाद से, के द्वारा चिह्न लगाते हैं।
क्रिया को अन्य पुरुष, पुल्लिंग, एकवचन में बदल देते हैं।
क्रिया को सामान्य भूतकाल में लाकर उसके साथ काल के अनुसार जाना क्रिया का रूप जोड़ देते है।

क्रम सं.कर्तृ वाच्यभाव वाच्य
1.मैं पढ़ नहीं सकता।मुझसे पढ़ा नहीं जाता।
2.महेश सोता है।महेश द्वारा सोया जाता है।
3.वे खेल रहे हैं।उनके द्वारा खेला जा रहा है।
4.विनीत पढ़ेगा। विनीत द्वारा पढ़ा जाएगा।

कर्तृवाच्य: जब वाक्य की क्रिया कर्ता के अनुसार हो, तो उसे कर्तृ वाच्य कहते हैं।

कर्मवाच्य: जब वास्य की क्रिया कर्म के अनुसार हो, तो उसे कर्म वाच्य कहते हैं।

भाववाच्य: जब वाक्य को क्रिया भाव के अनुसार हो तो उसे भाव वाच्य कहते हैं।

प्रश्न: वाच्य किसे कहते हैं? इसके कितने प्रकार होते हैं?

उत्तर: क्रिया के जिस रूप से यह बोध हो कि वाक्य में क्रिया का प्रयोग कर्ता, कर्म या भाव के अनुसार हुआ है, उसे वाच्य कहते हैं। इसके तीन भेद होते हैं।

प्रश्न: हिंदी में वाच्य के कितने भेद होते हैं?

उत्तर: हिंदी में वाच्य के तीन भेद होते हैं

कर्तृवाच्य
कर्मवाच्य
भाववाच्य

प्रश्न: कर्मवाच्य किसे कहते हैं

उत्तर: जब वाक्य में क्रिया का लिंग और वचन कर्म के अनुसार हो, उसे कर्म वाच्य कहते हैं।

इससे सम्बंधित लेख: क्रिया विशेषण किसे कहते हैं
समुच्चयबोधक किसे कहते हैं

इस लेख के बारे में:

यदि आपको यह पोस्ट (वाच्य किसे कहते हैं) अच्छा लगा तो आप इसे अपने दोस्तों के साथ भेजकर हमारा मनोबल बढ़ा सकते है। यदि आपको इस लेख में कोई भी परिभाषा को समझने में दिक्कत होती है या आपको नहीं समझ मे आते है। तो आप नीचे Comment में अपनी confusion लिख सकते है। मै जल्द से जल्द आपके सवालों का जवाब दूंगा। धन्यवाद! इस पूरे पोस्ट को पढ़ने के लिए और अपना कीमती समय देने के लिए आप सभी का धन्यवाद! आपका दिन शुभ हो!

1 thought on “वाच्य किसे कहते हैं (परिभाषा, भेद व उदाहरण) | Vachya Kise Kahate Hain”

Leave a Comment