Allhindi.co.in के नए पोस्ट में आपका फिर से स्वागत है क्या आपने कभी सोचा है की भारत का पहला विश्वविद्यालय कहाँ खोला गया था? इस लेख में हम इसी के बारे में जानने वाले है इसके अलावा आपने g.k. से कई बार ये प्रश्न के बारे में सुना होगा की भारत का पहला विश्वविद्यालय का क्या नाम है इन सभी के बारे में जानेंगे। आइए इस लेख की शुरुआत करते है।
नमस्कार दोस्तों, आज की इस लेख में हम भारत का पहला विश्वविद्यालय कहाँ खोला गया था और इसे कब शुरू किया था। के बारे में जानेंगे। जैसा की हम सभी जानटे है की भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता है हालाँकि भारत का इतिहास बहुत ही बड़ा है आज हम भारत का पहला विश्वविद्यालय के बारे में जानेंगे। और इसके अलावा भी कुछ विश्वविद्यालय के बारे में हम जानेंगे।

भारत का पहला विश्वविद्यालय कहाँ खोला गया था :
भारत का पहला विश्वविद्यालय जो की तक्षशिला के नाम से जाना जाता है। भारत की सबसे पहली विश्वविद्यालय जिसकी स्थापना 7 ईशा पूर्व हो गई थी। प्राचीन भारत के गंधार जनपद की राजधानी के नाम पर तक्षशिला का नाम पड़ा था। और इसी राजधानी के नाम पर भारत के प्रथम विश्वविद्यालय के नाम पर तक्षशिला नाम पड़ा। अगर वर्तमान स्थिति की बात करे तो भारत का पहला विश्वविद्यालय जो की तक्षशिला है वो अब पश्चिमी पाकिस्तान की राजधानी रावल पिंडी से 18 मील दूर स्थित है।
तक्षशिला भारत का पहला विश्वविद्यालय था। जो सबसे प्रसिद्ध विश्वविद्यालय था। जिसकी स्थापना 700 वर्षा पूर्व में की गई थी इस विश्वविद्यालय में पूरे विश्व से 10,500 से अधिक छात्र शिक्षा ग्रहण करने के लिए आते थे इस विश्वविद्यालय में 7 से भी अधिक विषयों को पढ़ाया जाता था तथा इन विश्व को पढ़ाने के लिए 2000 से भी अधिक विद्वानों की वहां उपस्थिति होती थी।
तक्षशिला विश्वविद्यालय का अध्ययन कार्य:
जहां चाणक्य चंद्रगुप्त कौशल राज्य से महा ज्ञानी व्यक्तियों ने यहीं से शिक्षा प्राप्त की थी इसके अलावा यहां पर अनेकों विद्वानों ने अपने अपने विद्यालय तथा आश्रम बना रखे थे यहां पर छात्र अपनी रूचि के अनुसार विशेष विद्वान के पास जाते थे तथा उन से शिक्षा ग्रहण करते थे यहां पर महत्वपूर्ण विषयों को पढ़ाया जाता था जैसे कि वेद, वेदांत, अष्टादश विद्या, दर्शन शास्त्र, दर्शन व्याकरण, राजनीति, अर्थशास्त्र, ज्योतिष, युद्ध विद्या, गणित चिकित्सा, आयुर्वेद शास्त्र, संगीत विद्या, शास्त्र संगीत, विविध संचालन भाषाएं, तंत्र शास्त्र, गणना, सूर्य विद्या, संगीत, नृत्य, चित्रकला, मनोविज्ञान, कृषि भूमि, विज्ञान आदि की शिक्षा छात्रों को दी जाती थी।
अनेक शोधों के बाद यहां पर वैज्ञानिक वैज्ञानिकों का अनुमान है 12 वर्ष के बाद यहां पर दीक्षा मिलती है कहा जाता है कि इस स्थान पर दुनिया का सबसे बड़ा ग्रंथ आले भी था तक्षशिला आयुर्वेद का विज्ञान का सबसे बड़ा केंद्र था 500 साल पूर्व जब चिकित्सा केंद्र या चिकित्सा शास्त्र की परंपरा इस विश्व में कहीं भी नहीं थी तब तक सुशीला आयुर्वेद विज्ञान का सबसे बड़ा केंद्र माना जाता था।
जातक कथा तथा विदेशी पर्यटकों के लेख के अनुसार यह बात पता चलता है कि यहां के स्नातक मस्तिष्क तथा और परियों का भी ऑपरेशन बड़ी सुगमता के साथ कर लेते थे अनेक असाध्य रोगों का उपचार बड़ा सर बड़ी सरलता तथा एवं सुलभ जड़ी बूटियों से किया जाता था।
तक्षशिला नगर की स्थापना किसने करवाई?
तक्षशिला का जिक्र वाल्मीकि रामायण में भी मिलता है रामायण के अनुसार जिस नगर में भी विश्वविद्यालय उपस्थित था इसी नगर को श्री राम के भाई भरत के लड़के पक्ष के द्वारा स्थापना की गई थी।
नालंदा विश्वविद्यालय
यह एशिया की सबसे बड़ी यूनिवर्सिटी थी।यह दुनिया की सबसे महान यूनिवर्सिटी तथा बेहतरीन यूनिवर्सिटी की श्रेणी में आता था। नालंदा यूनिवर्सिटी में दुनिया भर से यहाँ छात्र आते थे और यहां पर ज्ञान प्राप्त करते थे। यहाँ पर आश्रम की व्यवस्था थी। इस विश्वविद्यालय में पॉलिटिक्स, साइंस, साइकोलॉजी, तथा आयुर्वेद पढ़ाया जाता था।
कुछ अन्य शैक्षणिक केंद्र
कांचीपुरम शैक्षणिक केंद्रीय दक्षिण भारत का महत्वपूर्ण शिक्षा केंद्र हुआ करता था यह शैक्षणिक केंद्र पहली सदी ईस्वी से हिंदू, बौद्ध और जैन धर्म की शिक्षा का प्रमुख केंद्र था। यह कई शताब्दियों लोगो को शिक्षा देता रहा।, दक्षिण भारत में प्रमुख शिक्षा का केंद्र रहा है जहां पर हिन्दू, बौद्ध, तथा जैन तीनों ही धर्म से संबंधित शिक्षा प्रदान किया जाता थ।
नागार्जुनकोंडा शिक्षा का प्रमुख केंद्र है। मायावती विद्वानों के नाम पर इसका नामकरण किया गया है जो दक्षिण भारत के प्रमुख शिक्षा केंद्रों में से कोई पुराना शारदा पीठ था, जो कि वर्तमान समय में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में जो पाकिस्तान के कब्जे में है। यह कश्मीर में संस्कृत शिक्षा का महान केंद्र हुआ करता था।
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